ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महाभारत के दुर्याेधन से की



कैनिंग। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महाभारत के पात्रों दुर्याेधन और दुशासन से करते हुए आरोप लगाया है कि वह दोनों से अधिक झूठ बोलते हैं। सुश्री बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना जिले में जॉयनगर लोक सभा सीट के कैनिंग में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा,“हमें केंद्र में सरकार को बदलना होगा। जितनी झूठ मोदी बोलते हैं उनकी तो दुर्योधन और दुशासन ने भी नहीं बोली होगी।” तृणमूल नेता ने आरोप लगाया,“उन्होंने (श्री मोदी) ने हर व्यक्ति का जीवन को नष्ट कर दिया, संस्थानों को नष्ट कर दिया, देश को नष्ट कर दिया।” किसानों को विमुद्रीकरण के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी झोली भरकर विमुद्रीकरण के लाभों को हासिल किया।” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि श्री मोदी ने न तो किसी को 15 लाख रुपये दिए और न ही 10 करोड़ नौकरियां दी जैसा कि उन्होंने वादा किया था। यहां तक ​​कि आपके बैंक खातों में जो कुछ भी था, भाजपा ने छीन लिया। वे जेबकतरे की तरह हैं। यही हैं मोदी।” सुश्री बनर्जी ने कहा ,“श्री मोदी हर बार यहां आते हैं और शिकायत करते हैं कि हमने कुछ नहीं किया है। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वह यहां आएं और स्वयं देखें, हमने कितना विकास किया है। उन्होंने कहा,“वह शिकायत करते हैं कि मैं दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं देती जबकि यह सरासर झूठ है।” मुख्यमंत्री ने कहा,“ उन्होंने (श्री मोदी और भाजपा ने) देश का इतिहास बदल दिया है। अगर वे सत्ता में वापस आते हैं, तो जो भी बचा है, वे उसे बदल देंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि वह (श्री मोदी) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों और संगठनों की मदद से लोगों को डरा रहे हैं। उन्होंने कहा,“वे एनआरसी के नाम पर असम से बंगाली तथा राजस्थान और महाराष्ट्र से बिहार के लोगों को निकाल रहे हैं। वे धमकी दे रहे हैं कि वे यहां एनआरसी लगाएंगे। हम कभी भी इसकी अनुमति नहीं देंगे।” उन्होंने कहा कि श्री मोदी और उनकी पार्टी के लोग सोचते हैं कि वह पैसे से वोट खरीद सकते हैं। लेकिन क्या आप उसे ऐसा करने देंगे? उन्होंने कहा कि 'अच्छे दिन' के नाम पर उन्होंने नौकरियों को नष्ट कर दिया, लोगों के पैसे छीन लिए, खाना पकाने और परिवहन ईंधन की कीमतों में वृद्धि की और कई अन्य गलतियां कीं।